शृंगी ऋषि भवन ,मास्टर कॉलोनी 92-2 जेठियो की बाड़ी ,अम्बामाता ,उदयपुर में खेल कक्ष शुरू हो गया हैं। इसमें आप सब का स्वागत है।
Shringi khel kaksh
Timing
6AM to 9AM
6PM to 9PM
Sh.Mahim Pandya
Mo-9414157676
Shringirishi bhawan,master colony,
96-2 Jethiyo ki badi,Ambamata,UDAIPUR
96-2 Jethiyo ki badi,Ambamata,UDAIPUR
HISTORY (सुखवाल इतिहास)
HISTORY (सुखवाल इतिहास)-श्रृंगी ऋषि एक महान भारतीय हिन्दू ऋषि थे और ऋषि कश्यप के वंशज थे! ऋषि विभंडक के पुत्र थे! सतयुग में राजा दशरथ ने जब पुत्रकामेष्टि यज्ञ का आह्वान किया था तब ऋषि श्रृंग द्वारा ही इस यज्ञ का संचालन किया गया था! इसी यज्ञ से राजा दशरथ को चार पुत्रों के प्राप्ति हुई थी! ऋषि श्रृंग इस काल में “मंत्र विज्ञान” के “प्रतिष्ठित विशेषज्ञ” थे! ऋषि श्रृंग और माता शांता से ही सिखवाल वंश की उत्पति हुई!
बारहा दिन तक चले इस यज्ञ के दोरान राजा दशरथ की बहन राजकुमारी शांता श्रृंग ऋषि पर मोहित हो गई, तत पश्चात् पूर्णाआहुति के दिन राजा दशरथ ने श्रृंग ऋषि के शमक्ष विवाह का प्रस्ताव रखा जीसे श्रृंग ऋषि ने सहर्ष स्वीकार किया, माता शांता ने आठ अति वैदिक पुत्रों को जन्म दिया इसी से सिखवाल (सुखवाल, श्रृंगी) वंश के उत्पति हुई!
श्रृंग ऋषि का एक पोराणिक मन्दिर कुल्लू के पास “बंजर” (हिमाचल प्रदेश) में स्थित है! हर वर्ष मई में यहाँ एक मेले का आयोजन होता है!
एक प्रश्न आप के मन में जरूर आएगा कि एक ही माता की संतान है फिर अलग-अलग कुलमाता क्यो, इस का निवारण यह है कि कालांतर में राक्षसों द्वारा किए जाने वाले अत्याचार के कारण ऋषियो ने देवताओ से रक्षा करने कि प्रार्थना की देवताओं ने लाचार होकर कहा कि आप देवियों कि शरण में जाओ, अत: जिस देवी ने जिस कुल को बचाया वही उस कुल की कुलदेवी कहलाई!
बारहा दिन तक चले इस यज्ञ के दोरान राजा दशरथ की बहन राजकुमारी शांता श्रृंग ऋषि पर मोहित हो गई, तत पश्चात् पूर्णाआहुति के दिन राजा दशरथ ने श्रृंग ऋषि के शमक्ष विवाह का प्रस्ताव रखा जीसे श्रृंग ऋषि ने सहर्ष स्वीकार किया, माता शांता ने आठ अति वैदिक पुत्रों को जन्म दिया इसी से सिखवाल (सुखवाल, श्रृंगी) वंश के उत्पति हुई!
श्रृंग ऋषि का एक पोराणिक मन्दिर कुल्लू के पास “बंजर” (हिमाचल प्रदेश) में स्थित है! हर वर्ष मई में यहाँ एक मेले का आयोजन होता है!
एक प्रश्न आप के मन में जरूर आएगा कि एक ही माता की संतान है फिर अलग-अलग कुलमाता क्यो, इस का निवारण यह है कि कालांतर में राक्षसों द्वारा किए जाने वाले अत्याचार के कारण ऋषियो ने देवताओ से रक्षा करने कि प्रार्थना की देवताओं ने लाचार होकर कहा कि आप देवियों कि शरण में जाओ, अत: जिस देवी ने जिस कुल को बचाया वही उस कुल की कुलदेवी कहलाई!
सुखवाल समाज उदयपुर की नई कार्यकारिणी-
अध्यक्ष – श्री दिनेशचन्द्र सुखवाल
उपाध्यक्ष- श्री पृथ्वीराज सुखवाल 9461384766
श्री ओमप्रकाश सुखवाल 9414161414
सचिव –
श्री सुभाषचंद्र नागला
9829533457
कोषाध्यक्ष-
श्री हरिनारायण सुखवाल
9829755531
ऋषि श्रृंग सेवा संस्थान मांगलिक कार्य हेतु बूक करवाने के लिये सम्पर्क करे –श्री दिनेश उपाध्याय
Mo -9636059869
कार्यालय:0294 -243400 ऋषि श्रृंग सेवा संस्थान
96 -2 ,जेठियो की बाड़ी ,अम्बामाता स्कीम ,उदयपुर
गणेशघाटी स्थित अपने समाज के नोहरे की बुकिंग के लिए आप सम्पर्क करें –
श्री पृथ्वीराज सुखवाल -9461384766
श्री रमेशचन्द्र सुखवाल -9461048029
सुखवाल वेबसाइट उदयपुर में विवाह योग्य बालक /बालिकाओ के बायोडाटा डलवाने के लिए आप सम्पर्क करें –
Phone no-0294-2415357
लक्ष्मी नारायण सुखवाल
09460932675
Lnsukhwal@gmail.com
CONTACT
sukhwal-udaipur-com.webnode.com गोपीलाल शर्मा/लक्ष्मी नारायण सुखवाल
Shringirishi bhawan,master colony,
96-2 Jethiyo ki badi,Ambamata
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96-2 Jethiyo ki badi,Ambamata
UDAIPUR +919413263247/+919460932675