भारत चारो कोनो में बने चार धामो की यात्रा -
1 -बद्रीनाथ: - Link
2 -द्वारका :- Link LIVE DARSHAN
3 -पुरी:-
जगन्नाथ पुरी का विशाल सुन्दर मंदिर पुरी शहर के मध्य में स्थित है।पुरी शहर भारत के ओडिशा राज्य में बंगाल की खाड़ी के किनारे बसी हुई प्रसिद्ध धार्मिक स्थली हैं।किसी समय यह पुराने कलिंग की राजधानी हुआ करती थी। भारत चारो दिशाओ में बने चार धामों में से जगन्नाथ पुरी भी एक धाम हैं। यह कलयुग का धाम हैं।इस मंदिर का निर्माण कलीग के राजा ने करवाया था। शकराचार्य द्वारा स्थापित मठो में से एक मठ पुरी में भी हैं। जो कि गोवर्धन मठ के नाम से प्रशिद्ध हैं। सिखो के प्रथम गुरु नानकजी यहाँ पधारे थे। यहाँ मंदिर के सामने नानक मठ भी हैं। मीरा ,कवी तुलसी ने भी यहाँ दर्शन किये थे। चैतन्य महाप्रभु ने यहाँ लम्बे समय तक रह कर भक्ति साधना की थी ।जगन्नाथ पुरी की विशाल रथयात्रा में छुआछूत निवारण के कारण इस स्थान का विशेष महत्त्व हैं ।चैतन्य महाप्रभु ने भी महा प्रसाद लेते समय जाती का विचार नहीं किया। मंदिर परिसर सात मीटर ऊंची दीवार से घिरा हुआ है। त्रिमर्ति प्रभु के दर्शन कर असीम सुख प्राप्त होता हैं। मंदिर स्थित कल्पवृक्ष मानव इच्छाओ की पूर्ति करता हैं। पूर्व-सामने वाले द्वार पर दो शेर की पत्थर की छवियां हैं इसलिए इसे शेर गेट कहा जाता है।यहाँ रथ वेदी पर लकड़ी से बनी जगन्नाथ ,बलभद्र एवं सुभद्रा मूर्तिया विराजमान हैं। उत्तर ,दक्षिण और पच्छिम के द्वारो को हाथी गेट ,घोड़ा गेट और टाइगर गेट के नाम से जाना जाता हैं। उत्तर का दरवाजा भगवान को प्रवेश एवं निकासी में काम आता हैं। जब भगवान की निकासी होती हैं। चारों द्वारो पिरामिड सरचनाए हैं जो नई हैं। शेर गेट के सामने एक खम्बा जिसे अरुणा स्तम्भ के रूप में जाना जाता हैं। कथाओ के अनुसार अरुण सूर्य देवता का सारथी हैं। विश्व प्रसिद्ध कोणार्क मंदिर यहाँ 37 KM की दुरी पर हैं। जगन्नाथ पुरी मंदिर में आरती संगीतमय होती है। Accomodation online booking through Mandir Trust inThree Niwas.
4-रामेश्वरम :- Link


