1-Somnath Jyotirlinga, Gujarat-
अहमदाबाद से सोमनाथ 407 KM है एवं राजकोट से 194 KM दूर है। इसकी गिनती 12 ज्योतिलिंगो में होती है। समुन्द्र के किनारे बहुत सुन्दर मन को मोहने वाला मंदिर है। विदेशियों ने इसे कई बार लुटा एवं नस्ट किया था। इस मंदिर को नया बनाया गया।Live online room booking by Somnath mandir Trust


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2-MallikarjunaJyotirlinga,Andhra Pradesh-
श्री मलिकार्जुन स्वामी का भव्य मंदिर नल्लमालाई की पहाड़ी के समतल भाग पर बना हुआ हैं। इसे श्रीशैलम के नाम से अधिक जानते हैं। यह क्षेत्र आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले में कृष्णा नदी के दाहिनी तरफ हैं इस पहाड़ को सिरधर ,सिरिगिरि ,श्रीपरवाथा ,श्रीगिरि और श्रीनगम के नाम भी जानते हैं। श्रीं श्रीशैलम सदियों से लोकप्रिय तीर्थस्थल रहा है। यह मंदिर हैदराबाद से 324 KM दूर हैं। इसकी गिनती पुराने ज्योतिलिंगो में होती हैं। मंदिर बड़ा भव्य बना हैं। भारत एवं अन्य देशो से तीर्थयात्री दर्शन करने आते हैं।

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3-MahakaleshwarJyotirlinga, Madhya Pradesh-
श्री महाकालेश्वर मंदिर उज्जैन मध्य प्रदेश राज्य में स्थित है। इसकी गिनती ज्योतिलिंगो में होती हैं। भगवान महाकाल के भी अधिष्ठाता देव रहे है। तीनो लोको आकाश ,पाताल एवं भूमंडल में समस्त मृत्यु लोक अधिपति के रूप में महाकाल को नमन किया हैं। यहाँ महाकुम्भ का 12 वर्ष में भरता हैं।
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http://dic.mp.nic.in/ujjain/mahakal/default.aspx
4-Omkareshwar Jyotirlinga, Madhya Pradesh
श्री ओंकारेश्वर ज्योतिलिंग मध्य प्रदेश में इंदौर से 77 की दूरी पर स्थित हिन्दुओ का पवित्र धार्मिक स्थल हैं। यह ज्योतिलिंग नर्बदा नदी के तट पर स्थित हैं। यहाँ शिव ओंकार के स्वरूप में प्रकट हुए है। ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव प्रतिदिन तीनो लोको का भ्रमण कर यहाँ रात्रि विश्राम करते हैं इसलिए यहाँ प्रतिदिन रात्रि में शयन आरती के समय भक्त दर्शन को आते हैं।ज्योतिलिंगो में चौथा श्री ओंकारेश्वर हैं जिस ओमकार का उच्चारण सृष्टिकर्ता विधाता के मुख से हुआ। वेद का पाठ ॐ के बिना नहीं होता है। श्री ओंकारेश्वर में 68 तीर्थ हैं। यहाँ दर्शन से समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं। Live

http://shriomkareshwar.org/
5-Vaidyanath Jyotirlinga, Jharkhand-
बैधनाथ धाम झारखंड राज्य में स्थित हैं। कोलकाता से 325 KM की दुरी पर हैं। बाबा बैधनाथ मंदिर के साथ 21 और मंदिर हैं।इसकी गिनती 12 ज्योतिलिंगो में होती हैं। बैधनाथ धाम में मिली शिलाओं में लिखा गया हैं की बैधनाथ मंदिर उस समय के पुजारी रघुनाथ ओझा के अनुरोध पर बनवाया गया था। इस शिला लेख से रघुनाथ ओझा नाराज थे। लेकिन पुराण माल का विरोध करने में असमर्थ थे। मुस्लिम काल में भी बैधनाथ धाम को अच्छी तीर्थयात्रा की मान्यता प्राप्त थी।

http://www.babadham.org/
6-BhimashankarJyotirlinga, Maharashtra-
भीमाशंकर ज्योतिलिंग मंदिर पुणे से 125 KM दूर हैं। सहदरी (Sahyadri) पहाड़ी पर बना हुआ हैं। भीमाशंकर ज्योतिलिंग मंदिर बोरगिरि गांव जो खेड़ से 50 KM दूर हैं। यहाँ महाराष्ट्र में जाना पहचाना प्रसिद्ध मंदिर हैं। यहाँ भारी भीड़ हमेशा रहती हैं। भीमा नदी पास हैं। इस स्थान को "WILD LIFE SANCTUARY" भी कहा जाता हैं।

http://bhimashankar.in/
7-Rameshwar Jyotirlinga, Tamil Nadu(रामेश्वरम ज्योतिलिंग )-
यह शिवस्तम भारत के सबसे पवित्र 12 ज्योतिलिंग में दक्षिण भाग का प्रतिनिधित्व करता हैं। रामेश्वरम द्वीप पर समुन्द्र पर बने पंबन पुल के माध्यम से पहुंचा जा सकता हैं। विशाल मंदिर रामेश्वरम अपने लम्बे अलंकृत गलियारे के लिए प्रसिद्ध हैं। रामेश्वरम भारत में सबसे ज्यादा देखे जाने वाला अति सुन्दर तीर्थ हैं। यहाँ 22 पवित्र जल कुंडो से यात्रियों को स्नान करवाया जाता हैं। कहते हे कि भगवान रामेश्वरम का अभिषेक राम के अलावा किसी अन्य नहीं किया। रामेश्वरम मंदिर तमिलनाडु में मदुराई से 172 KM दूर समुद्र से घिरे द्वीप पर बना हुआ हैं। यह परिवहन के सभी साधनो से जुड़ा हुआ हैं। ऐसा माना जाता हैं कि भगवान शिव के लिंग की राम ने रावण पर हमला करने के रास्ते पर रेत की लिंग बनाकर पूजा की। यह भी माना जाता हैं कि समुद्र के किनारे भगवान राम पानी पी रहे थे तो अकाशवाणी हुई की तुम मेरी पूजा किये बिना पानी नहीं पी सकते। इस पर भगवान राम ने लिंग बनाकर पूजा की एवं आशीर्वाद मांगा इस पर भगवान शिव ने रावण पर जित का आशीर्वाद दिया। उन्होंने शिव से वही रहने का अनुरोध किया ताकि पुरे मानव जाती का कष्ट दूर हो। बाद में यह विशाल मंदिर बनाया गया। चारो धाम की यात्रा करने वाले तीर्थयात्री एवं विदेशो से पर्यटक दर्शन हेतु बड़ी संख्या में आते हैं। कुछ जगह यह भी बताया गया कि रावण की हत्या पाप मुक्ति हेतु इस स्थान पर भगवान राम ने लिंग स्थापित कर शिव की पूजा की थी। यह मंदिर अति सुन्दर मन को मोहने वाला हैं।


http://www.rameswaramtemple.
8-Nageshwar Jyotirlinga, Gujarat-
नागेश्वर ज्योतिलिंग द्वारका एव भेट द्वारका के रास्ते में पड़ता हैं। द्वारका से नागेश्वर मंदिर की दुरी 17 KM तथा गुजरात राज्य के ओखा रेल्वे स्टेशन से 20 KM दूर हैं। इसकी गिनती 12 ज्योतिलिंगो में होती हैं। चारो धाम अथवा द्वारका तीर्थ जाने वाले श्रद्धालु यहाँ दर्शन करने जरूर आते ही।

http://jyotirlingatemples.com/temple/id/51/nageshwar-gujarat
9-Kashi Vishwanath, Varanasi-
बनारस जहां की गलियों में आज भी संस्कृति और परंपरा का रस बरसता है। गंगा किनारे बसी बाबा विश्वनाथ की नगरी को घटों और गलियों का शहर कहा जाता है। जितने घर हैं उतने मंदिर। कहते हैं काशी के कंकड़-कंकड़ में शिव का वास है। यहां भारत की सभी संस्कृतियां, परंपराएं लघु-दीर्घ रूप में जरूर मिलेंगे। और यही इसकी खासियत है। बनारस हिंदू धर्म का प्रमुख तीर्थस्थल है तो सारनाथ बौद्धधर्मावलंबिंयों की देवभूमि। कला-संगीत और शिक्षा की भागीरथी भी यहां से निकलती है। हिंदू धर्म में मान्यता है कि
वाराणसी में मृत्यु होने पर सीधे मोक्ष प्राप्ति होती है। यही कारण कि लोग अपना अंतिम समय शिवधाम में बिताना चाहते हैं।

http://live. shrikashivishwanath.org/live. aspx

http://www.trimbakeshwartrust.com/#2
11-KedarnathJyotirlinga, Uttarakhand-
(केदारनाथ) -गंगोत्री से केदारनाथ की दुरी 336 KM हैं। बद्रीनाथ से केदारनाथ 240 KM तथा हरिद्वार से केदारनाथ 247 KM दूर है। गाड़ियाँ गौरीकुंड तक पहले जाती थी और वहा से 15 -16 KM की यात्रा पैदल,पालकी अथवा खच्चर से करनी होती थी पर अब केदारनाथ में बाढ़ से रास्ता नस्ट हो जाने से 25 KM के लगभग की यात्रा पैदल,पालकी अथवा खच्चर से करनी होती है। 25 KM की यात्रा हेलीकॉप्टर से भी की जा सकती हैं। हेलीकॉप्टर द्वारा सेरसी से केदारनाथ 25 KM दूर है तथा आने जाने का कुल किराया 6500/- + टेक्स है। सरसी गौरीकुंड से 12 KM पहले हैं। डेली सर्विस हैं पर मौसम अनुकूल होने पर। केदानाथ हिन्दुओ का पवित्र तीर्थ हैं। इसकी गिनती 12 ज्योतिलिंगो में होती हैं।


Uttrakhand
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10-Trimbakeshwar Jyotirlinga, Nasik-
त्रियंबकेश्वर ज्योतिलिंग महाराष्ट्र राज्य में मुंबई से 178 KM दूर है। नासिक से 29 KM की दुरी पर हैं। गोदावरी नदी के किनारे पर यह शिव मंदिर हैं। यहाँ कुम्भ मेले का आयोजन होता हैं। पिछली बार यहाँ कुम्भ मेला 2015-16 में भरा था। यहाँ दिन में तीन बार पूजा होती हैं। अधिक विस्तृत जानकारी हिंदी ,अंग्रेजी एवं मराठी में त्रियंबकेश्वर ज्योतिलिंग की ऑफिसियल वेबसाइट पर उपलब्ध हैं। देखे।
http://www.trimbakeshwartrust.com/#2
11-KedarnathJyotirlinga, Uttarakhand-
(केदारनाथ) -गंगोत्री से केदारनाथ की दुरी 336 KM हैं। बद्रीनाथ से केदारनाथ 240 KM तथा हरिद्वार से केदारनाथ 247 KM दूर है। गाड़ियाँ गौरीकुंड तक पहले जाती थी और वहा से 15 -16 KM की यात्रा पैदल,पालकी अथवा खच्चर से करनी होती थी पर अब केदारनाथ में बाढ़ से रास्ता नस्ट हो जाने से 25 KM के लगभग की यात्रा पैदल,पालकी अथवा खच्चर से करनी होती है। 25 KM की यात्रा हेलीकॉप्टर से भी की जा सकती हैं। हेलीकॉप्टर द्वारा सेरसी से केदारनाथ 25 KM दूर है तथा आने जाने का कुल किराया 6500/- + टेक्स है। सरसी गौरीकुंड से 12 KM पहले हैं। डेली सर्विस हैं पर मौसम अनुकूल होने पर। केदानाथ हिन्दुओ का पवित्र तीर्थ हैं। इसकी गिनती 12 ज्योतिलिंगो में होती हैं।

12-GhrishneshwarJyotirlinga, Aurangabad-
घृष्णेष्वर ज्योतिलिंग महाराष्ट्र राज्य में औरंगाबाद शहर से 31 KM दूर हैं। विश्व प्रसिद्ध एलोरा गुफाओ से 1 KM आगे हैं। 18 शताब्दी का में निर्मित भगवान शिव के महाराष्ट्र में पांच ज्योतिलिंगो में इस घृष्णेष्वर ज्योतिलिंग का अपना महत्त्व हैं। एलोरा गुफाओ को देखने आने वाले पर्यटक इस ज्योतिलिंग में अवश्य जाते हैं।

Note- Official website of all this Temples is
also available on this page article.
Thanks.






http://www.bookhelicopter.com/
Pashupathinath in Napal-

https://pashupatinathtemple.
Uttarakhand Char Dham:-
1-Yamunotri Uttarakhand
(यमनोत्री) - यमनोत्री की नई दिल्ली से दुरी 421 KM हैं। हरिद्वार से दुरी 235 KM हैं।यह तीर्थ उत्तराखण्ड में हैं। यह स्थान उत्तराखंड के छोटे चार धाम में से एक हैं। यह हिन्दुओ का धार्मिक स्थल है। यहाँ भारत से ही नहीं अपितु विदेशो से भी पर्यटक दर्शन करने आते है। बहुत कठिन पहाड़ी रास्ता है। मंदिर तक गाड़ी नहीं जाती हैं। करीब 6 KM की यात्रा पैदल,पालकी अथवा खच्चर से करनी पड़ती है। यहाँ गर्म पानी का भी प्राकृतिक कुंड हैं जिसमे भाप निकलती रहती है यह एक चमत्कार ही है जहां बर्फ भी जमी हैं। इसमें नहाने से सारी थकान दूर हो जाती हैं। यह यमुना नदी का उदगम स्थल है। यहाँ हिन्दू लोग पूजा करवाते हैं। यहाँ लोग गर्म कुंड में पोटली में चावल बांध कर लटकाते हैं जो कुछ ही समय में पक जाते है। यमुनाजी का मंदिर बना हुआ है। उत्तराखंड साफ सुथरा प्रदेश हैं। यहाँ के लोग ईमानदार है। यह पहाड़ी क्षेत्र हैं।
2-Gangotri Uttarakhand-
(गंगोत्री) -गंगोत्री से यमनोत्री 222 KM दूर हैं। यहाँ मंदिर तक गाड़ी जाती हैं। यहा पवित्र गंगा माता का मंदिर हैं। कुछ KM आगे ही गँगा का उदगम स्थल हैं पर वहा जाना सम्भव नहीं क्योकि रास्ता खतरनाक एवं सकड़ा हैं जहां ऊपर से चटानो के खिसकने का खतरा हैं।
(यमनोत्री) - यमनोत्री की नई दिल्ली से दुरी 421 KM हैं। हरिद्वार से दुरी 235 KM हैं।यह तीर्थ उत्तराखण्ड में हैं। यह स्थान उत्तराखंड के छोटे चार धाम में से एक हैं। यह हिन्दुओ का धार्मिक स्थल है। यहाँ भारत से ही नहीं अपितु विदेशो से भी पर्यटक दर्शन करने आते है। बहुत कठिन पहाड़ी रास्ता है। मंदिर तक गाड़ी नहीं जाती हैं। करीब 6 KM की यात्रा पैदल,पालकी अथवा खच्चर से करनी पड़ती है। यहाँ गर्म पानी का भी प्राकृतिक कुंड हैं जिसमे भाप निकलती रहती है यह एक चमत्कार ही है जहां बर्फ भी जमी हैं। इसमें नहाने से सारी थकान दूर हो जाती हैं। यह यमुना नदी का उदगम स्थल है। यहाँ हिन्दू लोग पूजा करवाते हैं। यहाँ लोग गर्म कुंड में पोटली में चावल बांध कर लटकाते हैं जो कुछ ही समय में पक जाते है। यमुनाजी का मंदिर बना हुआ है। उत्तराखंड साफ सुथरा प्रदेश हैं। यहाँ के लोग ईमानदार है। यह पहाड़ी क्षेत्र हैं।
2-Gangotri Uttarakhand-
(गंगोत्री) -गंगोत्री से यमनोत्री 222 KM दूर हैं। यहाँ मंदिर तक गाड़ी जाती हैं। यहा पवित्र गंगा माता का मंदिर हैं। कुछ KM आगे ही गँगा का उदगम स्थल हैं पर वहा जाना सम्भव नहीं क्योकि रास्ता खतरनाक एवं सकड़ा हैं जहां ऊपर से चटानो के खिसकने का खतरा हैं।
3-KedarnathJyotirlinga, Uttarakhand-
(केदारनाथ) -गंगोत्री से केदारनाथ की दुरी 336 KM हैं। बद्रीनाथ से केदारनाथ 240 KM तथा हरिद्वार से केदारनाथ 247 KM दूर है। गाड़ियाँ गौरीकुंड तक पहले जाती थी और वहा से 15 -16 KM की यात्रा पैदल,पालकी अथवा खच्चर से करनी होती थी पर अब केदारनाथ में बाढ़ से रास्ता नस्ट हो जाने से 25 KM के लगभग की यात्रा पैदल,पालकी अथवा खच्चर से करनी होती है। 25 KM की यात्रा हेलीकॉप्टर से भी की जा सकती हैं। हेलीकॉप्टर द्वारा सेरसी से केदारनाथ 25 KM दूर है तथा आने जाने का कुल किराया 6500/- + टेक्स है। सरसी गौरीकुंड से 12 KM पहले हैं। डेली सर्विस हैं पर मौसम अनुकूल होने पर। केदानाथ हिन्दुओ का पवित्र तीर्थ हैं। इसकी गिनती 12 ज्योतिलिंगो में होती हैं।
(केदारनाथ) -गंगोत्री से केदारनाथ की दुरी 336 KM हैं। बद्रीनाथ से केदारनाथ 240 KM तथा हरिद्वार से केदारनाथ 247 KM दूर है। गाड़ियाँ गौरीकुंड तक पहले जाती थी और वहा से 15 -16 KM की यात्रा पैदल,पालकी अथवा खच्चर से करनी होती थी पर अब केदारनाथ में बाढ़ से रास्ता नस्ट हो जाने से 25 KM के लगभग की यात्रा पैदल,पालकी अथवा खच्चर से करनी होती है। 25 KM की यात्रा हेलीकॉप्टर से भी की जा सकती हैं। हेलीकॉप्टर द्वारा सेरसी से केदारनाथ 25 KM दूर है तथा आने जाने का कुल किराया 6500/- + टेक्स है। सरसी गौरीकुंड से 12 KM पहले हैं। डेली सर्विस हैं पर मौसम अनुकूल होने पर। केदानाथ हिन्दुओ का पवित्र तीर्थ हैं। इसकी गिनती 12 ज्योतिलिंगो में होती हैं।
4-Badrinath Uttarakhand
बद्रीनाथ -हरिद्वार से बद्रीनाथ 315 KM दूर हैं। यहाँ मंदिर तक गाड़ियो से जाया जा सकता हैं।2018 में 30/04/2018 को खुले बद्रीनाथ के कपाट 15 /10 /2018 को बंद हो जायेगे । बर्फ गिरने के कारण यात्रा 6 माह ही होती है। यह क्षेत्र बर्फ से ढक जायेगा। मदिर में कपाट बंद करते समय एक अखंड ज्योति ) जलाई जाती हैं। वह कपाट खुलने तक जलती रहती हैं। यह भी 12 ज्योतिलिंगो में से एक हैं। यहाँ भारत एवं विदेशो से यात्री दर्शन के लिये आते हैं। इन चारे धार्मिक स्थलों की यात्रा हेलीकॉप्टर द्वारा भी होती हैं। 5 रात्रि 6 दिन हरिद्वार/देहरादून कुल किराया 1.6 लाख/वयक्ति हैं। मौसम अनुकूल होने पर। बद्रीनाथ भगवान विष्णुजी के साथ में कुबेर भगवान की मूर्ति हैं। जिनके दर्शन करने से आर्थिक प्रगति होती हैं। on line prasad Shri Badrish laddu by Mandir trust

बद्रीनाथ -हरिद्वार से बद्रीनाथ 315 KM दूर हैं। यहाँ मंदिर तक गाड़ियो से जाया जा सकता हैं।2018 में 30/04/2018 को खुले बद्रीनाथ के कपाट 15 /10 /2018 को बंद हो जायेगे । बर्फ गिरने के कारण यात्रा 6 माह ही होती है। यह क्षेत्र बर्फ से ढक जायेगा। मदिर में कपाट बंद करते समय एक अखंड ज्योति ) जलाई जाती हैं। वह कपाट खुलने तक जलती रहती हैं। यह भी 12 ज्योतिलिंगो में से एक हैं। यहाँ भारत एवं विदेशो से यात्री दर्शन के लिये आते हैं। इन चारे धार्मिक स्थलों की यात्रा हेलीकॉप्टर द्वारा भी होती हैं। 5 रात्रि 6 दिन हरिद्वार/देहरादून कुल किराया 1.6 लाख/वयक्ति हैं। मौसम अनुकूल होने पर। बद्रीनाथ भगवान विष्णुजी के साथ में कुबेर भगवान की मूर्ति हैं। जिनके दर्शन करने से आर्थिक प्रगति होती हैं। on line prasad Shri Badrish laddu by Mandir trust