Uttarakhand (उत्तराखंड)-
उत्तराखंड :-
भारत के उत्तर में हिमालय की गोद में धार्मिक तीर्थस्थलों वाला राज्य हैं । इसमें यमनोत्री ,गंगोत्री ,केदारनाथ एवं बद्रीनाथ चार प्रमुख धाम हैं। ऋषिकेश एवं हरिद्वार पवित्र गंगा नदी के किनारे हिन्दुओ का पवित्र तीर्थ हैं। मरने के बाद अस्थिओं का विसर्जन एवं श्राद्ध हरिद्वार में सम्पन्न किया जाता हैं। हेमकुंड साहब सिखों का पवित्र तीर्थ हैं।
Haridwar(हरिद्वार)-
पवित्र गंगा नदी के किनारे हिन्दुओ का पवित्र तीर्थ हैं।मरने के बाद परिवार के सदस्य अस्थिओं का विसर्जन एवं श्राद्ध में सम्पन्न करने हरिद्वार जाते हैं। अधिकतर यह कार्य मरने के 12 दिन में सम्पन्न करते हैं। भारत के हर कोनो से लोग श्राद्ध एवं गंगा में स्नान को आते हैं। यह कार्य पूजा कर्म गंगा घाट पर पंडो द्वारा करवाया जाता हैं। शांतिकुंज हरिद्वार, जो हरिद्वार से ऋषिकेश जाते समय रास्ते में पड़ता हैं। यहाँ श्राद्ध तरपन का सबसे अच्छी जगह हैं। अस्थिया गंगा विसर्जन कर आप शांतिकुंज में चले जाये। यहाँ श्राद्ध सामग्री , रहने के लिए कमरा ,खाना सब निशुल्क हैं। दिन में चार बार सामूहिक श्राद्ध क्रिया करवाई जाती हैं। रहने के लिए कमरो में लेट्रिन ,बाथरूम बने हुए हैं। आधी कीमत पर शुद्ध नास्ता ,चाय एवं अच्छा भोजन उपलब्ध हैं। ऑनलाइन एवं वहा पहुंचने पर रहने स्थान निशुल्क बूक करवा सकते हैं। यहाँ सब कुछ निशुल्क हैं। बहुत बड़े भाग में फेला हुआ हैं। इसमें 5000 कर्मचारी अपने परिवार सहित रहते हैं। शांतिकुंज बहुत शांत एवं सुन्दर बना हुआ हैं। यहाँ आध्यात्मिक कार्य होते रहते है। हरिद्वार में सायंकाल बहुत अच्छी संगीतमय आरती होती हैं।धार्मिक तीर्थ हरिद्वार में नीलेश्वर महादेव,बेलवेश्वर महादेव ,कनखल , दक्षेस्वर महादेव ,सतीकुंड ,भीम गोंडा कुंड ,चंडीदेवी एवं मंशादेवी मंदिर आदि प्रमुख दर्शनीय स्थान हैं। Link of Santikunj and online Registration
Rishikesh(ऋषिकेश)-
ऋषिकेश हरिद्वार से 20 KM दूर है। यहाँ प्रसिद्ध लक्ष्मण जूला हैं। पवित्र गंगा नदी के किनारे योग एवं ध्यान के लिए यह स्थान हिमालय की गोद में बसा हुआ हैं। बाबा रामदेव का पतांजलि यहाँ हैं। यही से बद्रीधाम के लिए रास्ता जाता हैं गीता भवन ,नीलकठं महादेव मंदिर। राजाजी नेशनल पार्क ,शिवपुरी। रामज़ुला ,परमार्थ निकेतन आश्रम ,जम्पिग हाइट ,नीर वाटर फाल प्रमुख स्थान हैं ।
चार धाम उत्तराखंड - Link
Yamnotri ,Gangotri ,Kedarnath ,Badrinth
Hemekund Sahib Gurudwara(हेमकुंड साहब)-
Hemekund Sahib Gurudwara- ऋषिकेश से गोविन्द घाट 270 KM हैं। गोविन्द घाट तक गाड़ियाँ जाती हैं पहले यहाँ से पैदल यात्रा करनी होती थी परन्तु अब छोटी गाड़िया एवं मोटरसाइकिल 4 KM आगे तक जाती हैं। यहाँ से गोविन्द धाम 12 KM एवं वहा से हेमकुंड साहब 6 हैं। यह यात्रा काफी कठिन हैं हैकुण्ड साहब में श्री गुरु गोविन्द साहब ने तपस्या की थी। इस रास्ते में जमी बर्फ को सेना के जवान काट कर रास्ता बनाते हैं। 25 जून से 10 अक्टूबर तक यात्रा चलती हैं। इस कठिनाई के बावजूद यहाँ लंगर भी पुरे समय चलता हैं। यह स्थान स्वर्ग जैसा लगता हैं। यया भारत एवं विदेश से यात्री दर्शन करने आते हैं। यहाँ कई तपस्वियों ने तपस्या की थी। दूसरा रास्ता बद्रीनाथ से हेमकुंड साहब आता हैं। हेमकुंड साहब सिखों का पवित्र तीर्थ हैं।
Mana India- माणा गांव-
बद्रीनाथ से 3 KM दूर भारत का अंतिम गांव है। यहाँ व्यास एवं गणेश गुफा हैं।भीम पुल 1 KM दूर हैं। पांडव इसी माणा गांव से होकर स्वर्ग गए ।
गौरीकुंड ,रुद्रप्रयाग ,जोशीमठ ,गोविंदघाट(सिखो के पवित्र स्थान हेमकुंड साहब का यहाँ से जाता हैं ) ,उत्तरकाशी ,बरकोट ,श्रीनगर ,देवप्रयाग ,गुप्तकाशी ,उत्तरकाशी आदि ऋषिकेश से उत्तराखंड चारधाम की यात्रा मार्गो में पड़ते हैं। इन स्थानों पर मदिर एवं नदिया हैं।
Dehradun(देहरादून)-
देहरादून , ऋषिकेश से मसूरी हिल स्टेशन जाते समय रास्ते में पड़ता हैं। यह उत्तराखंड राज्य की राजधानी हैं। देहरादून शहर ऋषिकेश से 46 KM दूर हैं। यहाँ 6 तरफ से दिखाई देने वाली घंटाघर टावर ,पल्टन बाजार ,सीख़ गुरुद्वारा नानकसर ,तिब्बत बौद्ध केंद्र एवं स्तूप ,तारकेश मंदिर आकर्षण का केंद्र हैं। रोबर गुफ़ा आदि पर्यटकों के देखने वाले पर्यटक स्थल हैं।
Mussoore(मसूरी)-
नैनीताल (Nanital)-
नैनीताल का नजदीकी रेलवे स्टेशन काठगोदाम है।काठगोदाम से नैनीताल 37 KM दूर हैं। उत्तराखंड राज्य का नैनीताल हिल स्टेशन हरद्वार से 235 KM तथा नई दिल्ली से 290 KM दूर हैं। नैनीताल का टेढ़ामेढ़ा रास्ता बड़ा खूबसूरत हैं। काठगोदाम से नैनीताल के लिए बस ,टैक्सी मिलती हैं। पर्यटक यहाँ हमेशा आते रहते हैं।ठहरने के लिए धर्मशाला एवं होटल हैं। होटल ऑनलइन बुक कर जावे।सीज़न (गर्मियों में )में तो अवश्य एडवांस होटल बुक करावा कर जाये । यहाँ गुमने का सही समय ओक्टुबर -नवम्बर हैं। इस समय कम पर्यटक आते हैं इसलिए सब सस्ता होता हैं। खूबसूरत नैनीझील में बोटिन करे। यही इस शहर का मुख्य आकर्षण हैं। मॉल रोड पर शॉपिंग कर सकते हैं। मॉल रोड के एक तरफ दुकाने तथा दूसरी तरफ नैनीझील हैं। अंग्रजों के ज़माने में मॉल रोड पर दो सड़क में से ऊपर वाली पर अंग्रेज एवं निचे वाली पर भारतीय चला करते थे। उत्तराखंड सरकार ने खुब डेवलोपमेन्ट करवा रखा हैं यहाँ काफी हरियाली हैं। नैनीताल में सबसे ऊँची पहाड़ी नैनापिक हैं जहा गाड़ी से जा सकते हैं रोड बनी हैं। रोपवे भी हैं। ऊपर बच्चो के जुले आदि मनोरंजन के साधन हैं। टिफ़िन टॉप हैं जहा ट्रेकिंग किया जाता हैं। पहाड़ पर बना जू (ZOO ) बड़ा खूबसूरत हैं। यहाँ से शहर का नजारा बड़ा खूबसूरत नजर आता हैं। जू (ZOO ) तक जाने के लिए पर्सनल गाड़िया नहीं ले जा सकते। वहा के साधन से जावे। यहाँ आपको बहुत अच्छा लगेगा। इको पार्क देखे। इसमें 6 प्राकतिक गुफाए हैं। बच्चो को बड़ा मजा आएगा। हिमालयन बॉटनिकल गार्डन देखे। यहाँ कई दुर्लभ पौधे देखने को मिलेंगे। पौधो के नाम लिखे मिलेंगे। लवर्स पॉइंट देखे। वुडलैंड वाटर फाल झरना भी हैं पर कोई खास नहीं हैं। खुर्पाताल में पानी अपना रंग मौसम के अनुसार बदलता रहता हैं। नैनादेवी मंदिर हैं जिसके नाम पर यहाँ का नाम नैनीताल पड़ा हैं। बहुत खूबसूरत मंदिर नैनीताल झील के किनारे हैं। दर्शन करे। मंदिर के बहार तिब्बतीया मार्केट हैं। श्री निब करौली महाराज के आश्रम देख सकते हैं। इस आश्रम में कई बड़े विदेशी आ चुके हैं। यह आश्रम यहाँ से 18 KM दूर अल्मोड़ा हाइवे पर हैं। नैनीताल के आसपास भी कई स्थान हैं। भीमताल ,अल्मोड़ा आदि। इन स्थानों पर जाने के लिए आप यहाँ से टैक्सी कर दिन भर घूम कर शाम को वापस नैनीताल आ सकते हैं।